प्रयोजनवती लक्षणा का अर्थ
[ peryojenveti leksenaa ]
प्रयोजनवती लक्षणा उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- वह लक्षणा जो प्रयोजन द्वारा वाच्यार्थ से भिन्न अर्थ प्रकट करे :"तू गधा है में प्रयोजनवतीलक्षणा है"
पर्याय: प्रयोजनवती-लक्षणा, प्रयोजनवतीलक्षणा
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- प्रयोजनवती लक्षणा रूढ़ि भी हो सकती है।
- रूढ़ि प्रयोजनवती लक्षणा आवश्यक जान पड़ती है।
- प्रयोजनवती लक्षणा के गूढ़ और अगूढ़ दो भेद होते हैं।
- प्रयोजनवती लक्षणा के अन्य भेद - गूढ़ और अगूढ़ व्यंग्य के अनुसार
- प्रयोजनवती लक्षणा में किसी विशिष्ट प्रयोजन की वृद्धि के लिए ही लक्षणाकी जाती है .
- प्रयोजनवती लक्षणा वह है जिसमें किसी विशेष प्रयोजन की सिद्धि के लिए लक्षणा की जाय।
- रसखान के काव्य में प्रयोजनवती लक्षणा के प्राय : सभी भेदों के दर्शन होते हैं।
- गौणी प्रयोजनवती लक्षणा के भी दो भेद - ( अ ) सारोपा और ( ब ) साध्यवसाना किये गये हैं।
- लक्षणा के केवल दो हेतुओं-- रूढ़ि औरप्रयोजन के आधार पर मुख्यतः इसके दो भेद किए गए हैं-- ( १) रूढ़ि लक्षणा, (२) प्रयोजनवती लक्षणा.
- ( अ ) सारोपा गौणी प्रयोजनवती लक्षणा - जहाँ उपमान और उपमेय दोनों का आरोप हो वहाँ सारोपा गौणी प्रयोजनवती लक्षणा होती है।